
जालंधर के तनमनजीत ढेसी बने सांसद
– फोटो : X @TanDhesi
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ब्रिटेन में आम चुनाव में लेबर पार्टी को ऐतिहासिक बहुमत मिल गया है। लेबर पार्टी की जीत में वहां रहने वाले पंजाबियों का भी अहम योगदान है। जालंधर मूल के तनमनजीत सिंह ढेसी फिर सांसद बन गए हैं।
इंग्लैंड के ग्रेवशैम शहर में यूरोप के सबसे युवा सिख मेयर बनने वाले तनमनजीत सिंह ढेसी ब्रिटेन की संसद के पहले सिख सांसद भी बन चुके हैं।
कई भाषाओं पर रखते हैं पकड़
यूके में पहले पगड़ीधारी सिख सांसद बनने का गौरव हासिल कर चुके तनमनजीत सिंह ढेसी कई भाषाओं पर पकड़ रखते हैं। तनमनजीत, जिन्हें घर में प्यार से चन्नी और स्लोघ में टैन के नाम से पुकारा जाता है, का कहना है कि वे अपने हलके के विकास पर काम करेंगे और भारतीय मूल के लोगों का सिर गर्व से ऊंचा रखेंगे। तनमनजीत गांव रायपुर फराला के रहने वाले हैं। उनके पिता जसपाल सिंह ढेसी 1977 में यूके चले गए थे और वहां पर जाकर न केवल अपना कारोबार खड़ा किया बल्कि ग्रेवशेम के गुरुद्वारा के प्रधान भी बने।
पंजाब में की है पढ़ाई
तनमनजीत सिंह ढेसी का जन्म यूके में हुआ। पिता ने तनमनजीत को पढ़ने के लिए पंजाब भेज दिया गया ताकि वह पंजाबी भाषा, पंजाबी साहित्य और कल्चर का पूरा ज्ञान ले सके। तनमनजीत अपने चाचा परमजीत सिंह रायपुर के पास रहकर पढ़ाई करने लगे। पहले उन्हें शिवालिक पबिल्क स्कूल मोहाली में दाखिल करवाया गया फिर दशमेश अकादमी आनंदपुर साहिब में। जब पंजाब में आतंकवाद चरम पर था तो परमजीत सिंह तनमनजीत को लेकर यूके चले गए। तनमनजीत यूके वापस चले तो गए लेकिन पंजाब से उनका नाता नहीं टूटा। यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद तनमनजीत ने कारोबार में ही अपने कदम आगे बढ़ाए और इस बीच उनका झुकाव लेबर पार्टी की तरफ हो गया। वह ग्रेवशेम के सबसे कम उम्र के मेयर बने।

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