
प्रतीकात्मक तस्वीर।
– फोटो : ANI
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सरकारी नौकरी सात अप्रैल 1984 को मिलने के बाद भी अरुण कुमार तिवारी को नौकरी पक्की करने के लिए चार दशक तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। कई बार सेवा से बाहर रहने और दोबारा सेवा में लिए जाने के बाद सेवानिवृत्ति के लाभ को भी पाने के लिए उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

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