Up: Waiting For 12 Hours… Woman Body Did Not Get Soil Of Village, She Had Converted Her Religion – Amar Ujala Hindi News Live

बहादुर का मझरा के लोगों को समझाते सीओ अतुल पांडेय
– फोटो : संवाद
विस्तार
बहादुर का मझरा गांव में धर्म परिवर्तन कर ईसाई बनी दलित महिला को मरने के बाद दफन के लिए गांव में दो गज जमीन भी नसीब नहीं हुई। शव दफनाने को लेकर तीन समुदाय के लोगों के बीच विवाद हो गया। पहले तो हिंदुओं ने अपने श्मशान घाट में कब्र के लिए जगह नहीं दी।
बाद में जब अपनी हरियाली पट्टे की भूमि में कब्र खोदने की कोशिश हुई तो सिख समुदाय ने विरोध करते हुए कब्र नहीं खोदने दी। इसके चलते गांव में तनाव की स्थित बन गई। सूचना मिलने पर सीओ अतुल पांडे और नायब तहसीलदार समेत पुलिस बल गांव पहुंचा, जहां उसने नई परंपरा डालने से रोक दिया।
बाद में शव रामपुर स्थित मेथोडिस्ट कब्रिस्तान भेज दिया गया। इस तरह लगभग बारह घंटे बाद शव को दफन किया जा सका। कोतवाली स्वार क्षेत्र के महुआखेड़ा ग्राम पंचायत के उप गांव बहादुर का मझरा गांव में कुछ वाल्मीकि परिवार रहते हैं।
इन परिवार में ओम प्रकाश की पत्नी शीला (50) का शुक्रवार तड़के चार बजे कैंसर की बीमारी के चलते निधन हो गया। वाल्मीकि समाज का गांव या आसपास कहीं पर भी श्मशान नहीं हैं। महिला का शव दफनाने के लिए हिंदू समाज के श्मशान घाट में कब्र खोदना शुरू कर दी।
इस बात की जानकारी जब लोगों को मिली तो उन्होंने कब्र नहीं खोदने दी। इसके बाद परिवार के लोगों ने अपनी हरियाली पट्टे की भूमि पर कब्र खोदना शुरू किया। इस भूमि के पास सिख परिवारों के झाले फार्म हॉउस हैं। उन्होंने झालों के पास कब्र खोदने से रोक दिया।
इस बात की जानकारी भावाधस के राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री दीप सिंह राही को मिली तो कार्यकर्ताओं के साथ गांव पहुंच गए। विवाद की जानकारी पर सीओ अतुल कुमार, नायब तहसीलदार लोकेश कुमार और कोतवाल संदीप त्यागी पुलिस बल के साथ गांव आ गए।
मृतक परिवार समेत अन्य लोगों की जिद थी कि उन्हें कब्रिस्तान के लिए भूमि आवंटित की जाए, लेकिन यह लंबी प्रक्रिया थी। अधिकारियों ने फिलहाल नई परंपरा डालने की अनुमति नहीं दी और सख्त रवैया अपनाया।
अंत में रामपुर के मेथोडिस्ट ईसाई संप्रदाय के धर्म गुरु से संपर्क किया गया। उनकी पहल पर महिला का शव रामपुर स्थित मेथोडिस्ट कब्रिस्तान में दफनाने पर सहमति बन गई। इसके चलते औपचारिकता पूरी करने के बाद महिला का शव रामपुर ले जाकर दफना दिया गया। इस तरह लगभग 12 घंटे तक चले घटनाक्रम का पटाक्षेप हो सका।
मझरा बहादुर में बहुत समय पहले एक परिवार ईसाई धर्म स्वीकार कर चुका है। यह लोग अपने कब्रिस्तान न होने के चलते नई परंपरा डालने का प्रयास कर रहे थे, जिसे रोक दिया गया। समझाने पर वो मान भी गए। परिवार के लोग महिला का शव रामपुर के मेथोडिस्ट कब्रिस्तान ले गए। – अतुल कुमार पांडे सीओ स्वार
क्षेत्र में ईसाई मिशनरियां दलितों व दबे कुचले लोगों का चंगाई के नाम पर तथा लोभ लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। ऐसे दलितों की जांच कराए जो दलित धर्म परिवर्तन ईसाई बनकर एससी कोटे का भी सरकार की योजनाओं का भी फायदा उठाते हैं तथा ईसाई मिशनरियों से भी आर्थिक सहायता लेते हैं। – दीप सिंह राही, राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री भावाधस

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