यूपीआई ट्रांजैक्शन बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है। बीते दिसंबर 2024 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पॉपुलर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये लेनदेन दिसंबर में रिकॉर्ड 16.73 अरब पर पहुंच गया, जो पिछले महीने की तुलना में 8 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज करता है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, नवंबर में, यूपीआई लेनदेन की संख्या 15.48 अरब थी। एनपीसीआई ने कहा कि लेनदेन का मूल्य नवंबर में 21.55 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले दिसंबर 2024 में 23.25 लाख करोड़ रुपये रहा।
दिसंबर में औसत दैनिक लेनदेन
खबर के मुताबिक, दिसंबर के दौरान औसत दैनिक लेनदेन की संख्या 539.68 मिलियन थी, जो नवंबर में 516.07 मिलियन थी। मूल्य के संदर्भ में, दिसंबर में औसत दैनिक लेनदेन 74,990 करोड़ रुपये रहा। इसकी तुलना नवंबर में 71,840 करोड़ रुपये से की गई। एनपीसीआई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की एक पहल है, जो भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन के लिए एक संगठन है। एनपीसीआई यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) चलाता है, जिसका इस्तेमाल खरीदारी करते समय साथियों के बीच या व्यापारियों के अंत में वास्तविक समय के भुगतान के लिए किया जाता है।
यूपीआई पर टेक्निकल खराबी में भारी कमी
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, यूपीआई प्लेटफॉर्म पर तकनीकी गिरावट की दर अब 0.8 प्रतिशत तक गिर गई है। एनपीसीआई पेमेंट ईकोसिस्टम कम-टिकट वाले लेन-देन को यूपीआई लाइट में शिफ्ट करने पर विचार कर रहा है, जिससे सर्वर पर दबाव कम करने में मदद मिलेगी। तकनीकी गिरावट की दर 2016 में 8-10 प्रतिशत से घटकर 0.7-0.8 प्रतिशत हो गई है। यूपीआई प्लेटफॉर्म पर एक्टिव यूनीक यूजर्स की कुल संख्या वर्तमान में 40 करोड़ है।

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