राजस्थान में जोधपुर जिले के युवाओं ने यूपीएससी में परचम लहराया है। जोधपुर के पांच युवा यूपीएससी क्रैक करने में कामयाब रहे। त्रिलोक सिंह ने 20वीं रैंक प्राप्त कर राजस्थान का गौरव बढ़ाया है। त्रिलोक सिंह एनडीए पास आउट भी हो चुके हैं। लेकिन मेडिकल में अटक गए थे। त्रिलोक सिंह ने तीसरे अटेम्प्ट में यह कामयाबी हासिल की।
बता दें कि जोधपुर के त्रिलोक सिंह ने यूपीएससी में 20वीं रैंक प्राप्त कर जोधपुर का गौरव बढ़ाया है। त्रिलोक सिंह बताते हैं कि उनकी बहन से उन्हें प्रेरणा मिली और वे यूपीएससी की तैयारी करने में जुटे। इससे पहले उन्होंने एनडीए भी पास आउट किया। आरपीएससी भी पास आउट की, यूपीएससी में यह उनका तीसरा अटेम्प्ट था। इंटरव्यू में पहली बार पहुंचे और उन्हें कामयाबी मिली।
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सैनिक स्कूल में पढ़े त्रिलोक सिंह बताते हैं कि उनके माता-पिता और गुरुजनों ने उनका पूरा सहयोग किया और उसी के चलते हुए आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं। त्रिलोक सिंह के पिता बताते हैं कि उन्होंने उसे कभी नहीं कहा कि वह कलेक्टर बने। उन्होंने उसे कहा कि जो मन में आए, वह पढ़ाई करो और लेकिन अच्छा करना। त्रिलोक सिंह के पिता एक रिटायर सैन्य कर्मी हैं और फिलहाल एक सरकारी अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं। त्रिलोक सिंह ओसियां के पास भाकरी गांव के निवासी हैं और फिलहाल जोधपुर के डिगाडी इलाके में रह रहे हैं।
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भोपालगढ़ के पास कुड़ी गांव निवासी रामभरोस सारण ने 276 में और कुड़ी गांव की ही ममता डूडी ने 438 मोना जाखड़ ने 490वीं रैंक ओर रविंद्र खोज ने 501वीं रैंक हासिल की। रविंद्र खोज ने आईआईटी गुवाहाटी से केमिकल इंजीनियरिंग की और जामनगर में काम भी किया। उन्होंने 45 लाख रुपये का पैकेज छोड़कर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर यह मुकाम हासिल किया है। कुड़ी निवासी ममता ने अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल में पूरी की और उसके बाद जोधपुर में पढ़ाई करते हुए तीसरे अटेम्प्ट में यह कामयाबी हासिल की है।
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