Uttarakhand Electricity Supply Disrupted Power Supply To 100 Villages Cut Off Due To Debris In Substation – Amar Ujala Hindi News Live

बिजली
– फोटो : अमर उजाला
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प्रदेश में लगातार बारिश के बीच आपदा के कारण बिजली उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सब स्टेशन में मलबा आने से थत्यूड़ के पास के 100 गांवों में अंधेरा छा गया। कई अन्य जगहों पर भी शनिवार को आपूर्ति दिनभर बाधित रही।
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यूपीसीएल ने देर शाम तक आपूर्ति सुचारू होने का दावा किया है। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के कई पावर हाउस नदियों में बाढ़, मलबा आने की वजह से बंद हो गए। इसके चलते विद्युत उत्पादन 2.2 करोड़ यूनिट से घटकर 1.6 करोड़ यूनिट तक आ गया है। यमुना का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान 455.37 मीटर तक पहुंचा।
भारी मात्रा में सिल्ट आने के चलते दोपहर 12.45 पर डाकपत्थर बैराज से करीब 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं, शक्ति नहर के सभी गेट बंद कर दिए गए। ढालीपुर (51 मेगावाट), ढकरानी (37.5 मेगावाट), कुल्हाल (30 मेगावाट) जल विद्युत परियोजना में दोपहर एक बजे से उत्पादन ठप हो गया। देर रात उत्पादन सुचारू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
सिल्ट को नहर में जाने से रोकने के लिए शक्ति नहर के गेट बंद कर दिए गए। करीब एक बजे शक्तिनहर पर बने ढालीपुर, ढकरानी और कुल्हाल जल विद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन ठप हो गया। यमुना में सिल्ट आने का सिलसिला अभी जारी है। शाम को भी डाकपत्थर में यमुना खतरे के निशान को छूकर बहती रही।
यूजेवीएनएल के जनसंपर्क अधिकारी विमल डबराल ने बताया, पीपीएम की मात्रा बढ़ने के कारण डाकपत्थर बैराज से पानी छोड़ा गया। पीपीएम की मात्रा कम होने के बाद शक्ति नहर में पानी छोड़ा जाएगा। रात तक तीनों जल विद्युत केंद्रों में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। मनेरी भाली एक व दो के अलावा चीला का उत्पादन भी बंद है।

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