Uttarakhand News Way Is Open For Transfer Of Forest Land For Three Big Projects Including Song Dam – Amar Ujala Hindi News Live

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राज्य में पेयजल, बिजली और सड़क की तीन बड़ी परियोजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण की राह खुल गई है। सौंग बांध परियोजना के अलावा कोटेश्वर-ऋषिकेश बिजली लाइन और नरेंद्र नगर विधानसभा के अंतर्गत शिवपुरी-जाजलदेव के लिए जरूरी वन भूमि हस्तांतरण की सैद्धांतिक अनुमति (स्टेज-1) की केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दे दी है।
सिंचाई विभाग की महत्वाकांक्षी परियोजना में सौंग बांध भी एक है। सिंचाई विभाग को बांध निर्माण के लिए वन भूमि के साथ राजस्व भूमि की भी जरूरत है। इसके लिए कोशिश चल रही है। सिंचाई विभाग ने 127.67 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण के लिए प्रस्ताव दिया था, यह कई चरणों से होते हुए पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में पहुंचा था। अब मंत्रालय ने बांध निर्माण के लिए स्टेज-1 की अनुमति प्रदान कर दी है।
सिंचाई विभाग को अब अंतिम और स्टेज-दो की अनुमति के लिए नेट प्रेजेंट वैल्यू, क्षतिपूरक वनीकरण जैसी शर्ताें को आगे पूरा करना होगा। मंत्रालय ने कोटेश्वर-ऋषिकेश बिजली लाइन के लिए भी 103 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरण के पहले स्टेज की अनुमति प्रदान कर दी है। यह वन भूमि देहरादून, टिहरी और नरेंद्र वन प्रभाग के अंतर्गत आ रही थी। इससे 400 केवी बिजली आपूर्ति के लिए रास्ता साफ हो गया है।
नरेंद्र नगर विधानसभा के अंतर्गत शिवपुरी-जाजलदेव के लिए 4.69 हेक्टेयर वन भूमि के लिए भी स्टेज-एक की अनुमति मिल गई। प्रमुख वन संरक्षक रंजन मिश्रा कहते हैं कि तीन योजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण की सैद्धांतिक अनुमति मिल गई है। इसमें कोटेश्वर-ऋषिकेश बिजली लाइन का काम शुरू किया जा सकता है।वन भूमि हस्तांतरण वाली खबर में प्रमुख सचिव का कोट है
सामान्य तौर पर धारणा है कि वन भूमि हस्तांतरण में समय लगता है, जबकि ऐसा नहीं है। अगर प्रयोक्ता एजेंसी समय पर हस्तांतरण संबंधी प्रक्रियाओं को पूरा करने के साथ शर्ताें का पालन करे तो भूमि मिल सकती है। इन योजनाओं को देखें सौ- सौ हेक्टेयर से अधिक की वन भूमि हस्तांतरण की अनुमति मिली है। इसमें कोटेश्वर- ऋषिकेश बिजली लाइन के लिए कार्य शुरू हो सकता है। इन योजनाओं से विकास कार्य में और गति मिलेगी।
– आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव वन

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