Vehicle Scrapping Policy: नई गाड़ी की खरीद पर मिलेगी 50% की टैक्स छूट, परिवहन मंत्रालय ने जारी किया प्रस्ताव
केंद्र सरकार प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए सरकार अपनी क्षमता के हिसाब से सभी जरूरी कदम उठा रही है। ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली बीएस-2 और उससे पहले की गाड़ियों को स्क्रैप करने को लेकर नया अपडेट आया है। भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने बीएस-2 और उससे पहले के उत्सर्जन मानकों वाली गाड़ियों को हटाने के बाद नई गाड़ियों की खरीद पर एकमुश्त टैक्स में छूट को दोगुना कर 50 प्रतिशत तक करने का प्रस्ताव जारी किया है। फिलहाल, पुरानी प्राइवेट गाड़ियों को कबाड़ करने के बाद नई गाड़ी खरीदने पर मोटर व्हीकल टैक्स में 25 प्रतिशत की छूट दी जाती है, जबकि कमर्शियल गाड़ियों के मामले में ये छूट 15 प्रतिशत तक सीमित है।
सभी गाड़ियों पर 50 प्रतिशत की छूट देने की तैयारी में सरकार
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 24 जनवरी को जारी एक मसौदा अधिसूचना में कहा कि 50 प्रतिशत तक की छूट उन सभी गाड़ियों (प्राइवेट और कमर्शियल दोनों) पर लागू होगी जो बीएस-1 मानक के अनुरूप हैं या बीएस-1 मानक लागू होने से पहले बनी हुई हैं। मसौदा अधिसूचना के अनुसार, ये छूट मध्यम एवं भारी प्राइवेट और ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स के अंतर्गत आने वाली बीएस-2 गाड़ियों पर लागू होगी। गाड़ियों के लिए बीएस-1 कार्बन उत्सर्जन मानक साल 2000 में अनिवार्य हो गया, जबकि बीएस-2 साल 2002 से लागू हुआ था।
पूरे देश में RVSF और ATS के जरिए चरणबद्ध तरीके से स्क्रैप की जाती हैं पुरानी गाड़ियां
परिवहन मंत्रालय ने रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (आरवीएसएफ) और ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) के नेटवर्क के माध्यम से पूरे देश में अनुपयुक्त प्रदूषणकारी गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक इकोसिस्टम बनाने के लिए स्वैच्छिक वाहन आधुनिकीकरण कार्यक्रम (VVMP) या व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी शुरू की है। वर्तमान में, देश में 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 60 से ज्यादा रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी और 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 75 से अधिक ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन कार्यरत हैं और कई अन्य अभी प्रक्रिया में हैं।
पीटीआई इनपुट्स के साथ

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