कैथल में धान के अवशेष जलाने को लेकर कृषि विभाग बेहद सख्त नजर आ रहा है। अब तक गुहला सब डिविजन के 102 गांवों में 79 लोकेशन पर कार्रवाई के दौरान 37 मामले दर्ज कर 12 किसानों को गिरफ्तार किया है। कृषि विभाग की एसडीओ कंचन शर्मा ने कहा किसानों को सुपर सीटर उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि धान के अवशेषों को न जलाया जा सके। कहा कि धान के अवशेष न जलाने वाले किसानों को सरकार की तरफ से एक हजार पर प्रति एकड़ राशि भी दी जा रही है। वहीं, एसडीओ ने कहा कि जिन किसानों ने अपनी फसल की बिजाई सुपर सीडर से की है वह किसान तीन नवंबर तक पंजीकरण करवा लें। हालांकि जिले में मंगलवार को पराली जलाने का कोई नया मामला सामने नहीं आया। जिससे थोड़ी राहत जरूर मिली है। वहीं, मंगलवार को एक बार फिर से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़कर 256 पर पहुंच गया। बता दें कि पूरे जिले में अब 108 किसानों की कृषि विभाग ने रेड एंट्री की है। वहीं, अभी तक पूरे जिले में 25 किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें एक महिला किसान भी शामिल है। हालांकि पुलिस ने इन किसानों को गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही जमानत पर छोड़ दिया था। जिले में अब पराली जलाने के 158 मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से दो लाख 12 हजार रुपये का जुर्माना भी किसानों पर लगाया गया है। कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. बाबू लाल ने बताया कि जिला प्रशासन के आदेशों पर पराली न जलाने को लेकर किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में अब तक 108 किसानों की रेड एंट्री की गई है। इसे पोर्टल पर भी चढ़ा दिया गया है। पराली जलाने के मामले में जिला प्रशासन की लगातार सख्ती है। बताया कि अभी तक करीब दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा चुका है।

Comments are closed.