Weekly Panchang 4-10 October this week durga pooja start from bilva nimantran and akal bodhan Weekly Panchang 4-10 October : इस सप्ताह बिल्व निमंत्रण,अकाल बोधन, कल्पांरभ से होगी दुर्गा पूजा की शुरुआत, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़
Weekly Panchang 4-10 October 2024 : अश्विन माह में आने वाली शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। आध्यात्मिक ऊर्जा में वृद्धि होती है। इस सप्ताह नवरात्रि की द्वितीया,तृतीया समेत अष्टमी तिथि का व्रत-उपवास रखा जाएगा और नवदुर्गाओं की पूजा की जाएगी। ज्योतिषाचार्य नीरज धनखेर के अनुसार, नवरात्रि के दौरान गुरु ग्रह भी वृषभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं। जो आर्थिक मामलों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की ओर प्रेरित करेगा। वहीं, बुध तुला राशि में प्रवेश करेंगे। जिससे व्यक्ति को अपनी बातचीत करने की शैली, रिश्ते और लाइफ में संतुलन बनाने पर फोकस करना होगा। आइए एस्ट्रोलॉजर नीरज धनखेर से जानते हैं इस सप्ताह का पंचांग…
इस सप्ताह शुभ मुहूर्त : वैदिक ज्योतिष में शुभ-अशुभ मुहूर्त को देखकर ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जाती है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं और हर कार्य के शुभ परिणाम मिलते हैं। वहीं, अशुभ मुहूर्त में धर्म-कर्म समेत किसी भी महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत करने की मनाही होती है।
विवाह मुहूर्त : इस सप्ताह विवाह का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।
गृह-प्रवेश मुहूर्त : इस सप्ताह गृह प्रवेश का भी कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।
प्रॉपर्टी खरीदने का मुहूर्त : इस वीक 10 अक्टूबर दिन गुरुवार को सुबह 06 बजकर 19 मिनट से लेकर 11 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक प्रॉपर्टी की खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।
वाहन खरीदने का मुहूर्त : इस सप्ताह वाहन खरीदने का भी शुभ मुहूर्त बन रहा है। 07 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 47 मिनट से लेकर 08 अक्टूबर को सुबह 02 बजकर 25 मिनट तक वाहन की खरीदारी कर सकते हैं।
ग्रहों का गोचर : वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का राशि और नक्षत्र परिवर्तन होना जीवन में बदलाव लाने की ओर संकेत माना जाता है। इसके मेष से लेकर मीन तक सभी राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
शुक्र नक्षत्र गोचर : 05 अक्टूबर दिन शनिवार को सुबह 12 बजकर 20 मिनट पर शुक्र ग्रह विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
बुध नक्षत्र गोचर : 06 अक्टूबर दिन रविवार को सुबह 11 बजकर 49 मिनट पर बुध ग्रह चित्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
गुरु वक्री : 09 अक्टूबर को दिन बुधवार को दोपहर 12 बजकर 33 मिनट पर गुरु वृषभ राशि में वक्री हो जाएंगे।
बुध राशि परिवर्तन : 10 अक्टूबर दिन गुरुवार को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर बुध ग्रह तुला राशि में प्रवेश करेंगे।
सूर्य राशि परिवर्तन : 10 अक्टूबर दिन गुरुवार को सूर्यदेव भी दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर चित्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
शुक्र और गुरु का मिलन : 10 अक्टूबर दिन गुरुवार को गुरु और शुक्र भी रात 9 बजकर 11 मिनट पर एक-दूसरे से 150 डिग्री मिलेंगे।
इस सप्ताह के त्योहार :
चंद्र दर्शन : 04 अक्टूबर दिन शुक्रवार को अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रदेव के दर्शन की जाएंगे। इस दिन चंद्रदेव के दर्शन करने से मानसिक शांति मिलती है। इस दिन चंद्रदेव की पूजा-अर्चना से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
उपांग ललिता व्रत : 07 अक्टूबर को उपांग ललिता व्रत रखा जाएगा। नवराज्ञि का यह विशेष दिन देवी ललिता की पूजा-आराधना के लिए सर्मपित माना जाता है। मान्यता है कि उपांग ललिता व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। मां के आशीर्वाद से जीवन के सभी दुख-बाधा दूर होते हैं।
बिल्व निमंत्रण : 08 अक्टूबर 2024 को बिल्व निमंत्रण मनाया जाएगा। इस दिन देवी को बिल्व निमंत्रण दिया जाता है। जहां पर पूजा पंडाल लगते हैं, वहां देवी को बिल्व निमंत्रण देने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि देवी भगवती षष्ठी तिथि को धरती पर आई थीं। इसलिए षष्ठी के दिन बिल्व निमंत्रण, कल्पारंभ,अकाल बोधन,आमंत्रण की परंपरा है। पंडालों में षष्ठी तिथि तक माता रानी के नेत्र ढके रहते हैं और सप्तमी तिथि को उनके नेत्र खुलते हैं।
कल्पारंभ : 09 अक्टूबर 2024 को कल्पारंभ है। नवरात्रि में कल्पारंभ से दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है। इस दौरान भक्त देवी दुर्गा की विधिवत पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस मां दुर्गा की पूजा करने से नेगेटिविटी दूर होती है और मां के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
अकाल बोधन : 09 अक्टूबर को अकाल बोधन भी है। यह संस्कृत के दो शब्दों से बना है। अकाल का अर्थ-असमय और बोधन का अर्थ-पूजन या आह्वान होता है। नवरात्रि की षष्ठी तिथि को अकाल बोधन किया जाता है। भगवान राम ने रावण को हराने के लिए अश्विन माह में देवी दुर्गा की पूजा की थी। इस दिन से ही दुर्गा पुजा की शुरुआत होती है और आदि शक्ति की पूजा-आराधना से बुरी नजरों से रक्षा के साथ सुख-समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है।
सरस्वती पूजा : अश्विन माह और पूर्वा आषाढ़ नक्षत्र मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। इस साल 10 अक्टूबर को सरस्वती पूजा है। विद्यार्थी इस दिन बुद्धि और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि इससे मां सरस्वती साधक को बुद्धि, विवेक और सफलता का आशीर्वाद देती है।
नवपत्रिका पूजा : 10 अक्टूबर को नवपत्रिका पूजा भी है। इस दिन 9 अलग तरह की पत्तियों को मिलाकर एक गुच्छा बनाया जाता है और इससे देवी का आह्मवान किया जाता है और पूजा की जाती है। जिसे नवपत्रिका पूजा के नाम से जाना जाता है।
इस सप्ताह का अशुभ मुहूर्त :
04 अक्टूबर 2024: 10:41 एएम से 12:09 PM तक
05 अक्टूबर 2024: 09:13 एएम से 10:41 एएम तक
06 अक्टूबर 2024: 04:33 पीएम से 06:01 पीएम तक
07 अक्टूबर 2024: 07:45 एएम से 09:13 एएम तक
08 अक्टूबर 2024: 03:03 पीएम से 04:31 पीएम तक
09 अक्टूबर 2024: 12:08 पीएम से 01:35 पीएम तक
10 अक्टूबर 2024: 01:35 पीएम से 03:02 पीएम तक
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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