Yamuna Flood :नजफगढ़ और जहांगीरपुरी नाले लबालब, 8 से 18 मीटर पहुंचा बहाव, इलाके डूबने की आशंका – Najafgarh And Jahangirpuri Drains Full, Fear Of Drowning In The Area

जहांगीरपुरी का नाला…
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
यमुना में उफान का असर नजफगढ़ व जहांगीरपुरी समेत अन्य ड्रेन पर भी पड़ा है। यमुना में नालों की निकासी बंद होने से यह लबालब भर गए हैं। नजफगढ़ व जहांगीरपुरी ड्रेन में आम दिनों में आठ मीटर ऊंचाई का बहाव होता है जो 18 मीटर तक पहुंच गया है। जल्द पानी की निकासी संभव न होने से आशंका जाहिर की जा रही है कि मुख्य ड्रेन ओवर फ्लो करे और नजदीकी इलाकों को जलमग्न कर दे।
दरअसल, दोनों किनारों से बंधी होने से इस वक्त यमुना ऊंचाई में बढ़ रही है। इससे इसमें मिलने वाले दिल्ली के नालों का जलस्तर नीचे हो गया है। यमुना का पानी नालों में डायवर्ट होने से रोकने के लिए सभी नालों को बंद कर दिया गया है, लेकिन दिल्ली का निकलने वाला सीवेज आम दिनों की तरह की है। नजफगढ़ ड्रेन का जल स्तर बृहस्पतिवार को 209.9 मीटर पहुंच गया, जबकि इसकी क्षमता करीब 211 मीटर है।
बाढ़ एवं सिचाई विभाग के विधायक प्रतिनिधि व एक्सपर्ट कुमार गौतम ने बताया कि इस ड्रेन का पानी यमुना में नहीं गया तो रिहायशी इलाकों के घरों में पहुंच सकता है। खासतौर पर मुखर्जी नगर, हकीकत नगर, सोनिया विहार, मॉडल टाउन समेत अन्य आसपास के इलाके में असर पड़ेगा। वजीराबाद पुश्ता से पल्ला बांध तक बनी पुश्ता रोड ने बाढ़ से होने वाली क्षति को काफी कम किया है। इस पुश्ता को सड़क से पांच फीट ऊपर बनाया गया है। फिलहाल इसमें दो फीट नीचे यमुना का पानी बह रहा है। अगर दिल्ली सरकार ने यह पुश्ता नहीं बनाया होता तो बुराड़ी, संत नगर, बाबा कॉलोनी, संगम विहार समेत अन्य रिहायशी इलाका जलमग्न हो जाता।
मुखर्जी नगर की डीडीए एसएफएस सोसाइटी में घुसा सीवर का पानी
नजफगढ़ ड्रेन के लबालब भरे होने की वजह से नार्दन सीवर ट्रंक को बंद कर दिया गया है। इस वजह से सीवर का पानी बैक हो रहा है। जहांगीर पुरी ड्रेन में पानी लबालब होने की वजह से इसे बंद किया गया है जिससे सीवर के पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। जहांगीर पुरी ड्रेन का जलस्तर खत्म होते ही यह समस्या भी खत्म हो जाएगी। यही हालात उत्तरी दिल्ली के हकीकत नगर का भी है जिसे डीडीएमए ने भी अलर्ट किया है। आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि पवन शर्मा ने कहा कि सीवर का पानी सोसाइटी में जमा हो रहा है। इसे सड़क के रास्ते से बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ड्रोन से नजफगढ़ ड्रेन पर नजर
जलस्तर बढ़ने से नेहरू विहार समेत अन्य इलाकों में नजफगढ़ ड्रेन पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है। ड्रेन में भरने में महज एक फीट की कमी रह गई है। यह अगर ओवरफ्लो हुआ तो दिल्ली यूनिवर्सिटी भी पानी से लबालब हो जाएगा। सीवर लाइनें व 40 साल पुरानी पेयजल लाइन भी ध्वस्त हो गई है।
कालोनियां टापू में हो रही तब्दील
हिंदू कॉलेज के प्रोफेसर चंद्रचूड़ सिंह का कहना है कि नजफगढ़ ड्रेन इस वक्त लबालब है। इस ड्रेन को साहिबी नदी बनाने की सोच ने नुकसान पहुंचाया है। नदी को चलाने की चक्कर में हकीकत नगर से मुखर्जी नगर की कॉलोनी का सीवर बंद कर दिया गया। इस ड्रेन में पानी का प्रेशर ज्यादा हो गया है। इससे कॉलोनियां टापू में तब्दील हो गई हैं। सौंदर्यीकरण के पीछे आने वाली समस्या को समझने की आवश्यकता थी। इतना ही नहीं एमसीडी, जलबोर्ड, फ्लड कंट्रोल, डीडीए और एमसीडी में कॉलोनियां बंटी हुई हैं।
सिविल लाइन में पानी घुसा, होटलों में ली शरण
सिविल लाइन में ट्रामा सेंटर के पीछे वाले इलाके में घुटनों तक पानी जमा हो रहा है। इस कारण यहां रहने वाले लोगों ने मकान खाली कर दिए थे। इन लोगों में शामिल कई लोगों ने पहाड़गंज व करोल बाग स्थित होटलों की शरण ली है। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के यहां पर गए हैं। सिविल लाइन स्थित रोहतगी अपार्टमेंट में रह रहे पूर्व पार्षद सुमन गुप्ता ने बताया कि पूरे इलाके में रात को ही पानी घुसना शुरू हो गया था और सुबह घुटनों तक पानी जमा हो गया था। हम लोग पहाड़गंज व करोल बाग स्थित होटलों में आ गए हैं। चार-पांच दिन तक कमरे किराये पर लिए हैं। कुछ लोग रिश्तेदारों के यहां पहुंच गए हैं।

Comments are closed.