नई दिल्ली। सिंगापुर स्थित फैशन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप जिलिंगो ने शुक्रवार को कहा कि उसने गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों में एक स्वतंत्र फोरेंसिक ऑडिट के बाद भारतीय मूल की सह-संस्थापक और सीईओ अंकिती बोस को बर्खास्त कर दिया है। कंपनी खातों में कथित विसंगतियों की शिकायतों के बाद 31 मार्च को बोस को निलंबित कर दिया गया था।
जिलिंगो ने एक बयान में बताया कि गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों को देखने के लिए कमीशन गठित किया गया था। स्वतंत्र फोरेंसिक फर्म के नेतृत्व में एक जांच के बाद कंपनी ने अंकिती बोस को टर्मिनेट करने का फैसला किया है। साथ ही कंपनी ने उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। हालांकि, फर्म ने बोस के खिलाफ आरोपों या ऑडिट के निष्कर्षों के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
अंकिती बोस ने लगाए उत्पीड़न के आरोप
अंकिती बोस ने 31 मार्च को निलंबित किए जाने के बाद ही उत्पीड़न से संबंधित कुछ आरोप लगाए थे। निलंबन के बाद अंकिती बोस ने पहली बार बोर्ड से उत्पीड़न से संबंधित बातें बताईं, जिसमें निवेशकों या उनके नामांकित व्यक्तियों के खिलाफ उत्पीड़न की कोई शिकायत शामिल नहीं थी। फर्म ने सलाहकार का नाम लिए बिना कहा कि उत्पीड़न के दावों को देखने के लिए एक टॉप कंसल्टिंग फर्म को नियुक्त किया गया था। जांच होने के बाद कंपनी ने उचित कार्रवाई की है
क्या है जिलिंगो और कैसे बढ़ा विवाद?
आपको बता दें कि जिलिंगो एक ऑनलाइन फैशन कंपनी है, जो कपड़ा व्यापारियों और कारखानों को टेक्नोलॉजी की आपूर्ति करती है। इसकी स्थापना 2015 में अंकिती बोस और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी ध्रुव कपूर ने की थी।पिछले कई दिनों से जिलिंगो, कंपनी के बोर्ड और अंकिति बोस के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहा था।
कंपनी ने अंकिति के ऊपर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था, जिसके बाद अंकिति ने बोर्ड के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शिकायत भी की थी। इन सब विवादों के बीच अंकिती को सबसे पहले 11 मार्च को सीईओ पद से सस्पेंड किया गया और बाद में 12 अप्रैल को उन्हें कंपनी से ही सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, अब अंकिती को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया।
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